जानिए क्या आपकी कुंडली में भी है विष योग? क्या है इसके दुष्परिणाम -किस भाव में विष योग का क्या प्रभाव
यदि किसी जातक के लग्न स्थान में शनि-चंद्र का विष योग बन रहा हो, तो ऐसा व्यक्ति शारीरिक तौर पर बेहद अक्षम रहता है। उसे पूरा जीवन तंगहाली में गुजारना पड़ता है। लग्न में शनि-चंद्र होने पर उसका प्रभाव सीधे तौर पर सप्तम भाव पर भी होता है। इससे दांपत्य जीवन दुखपूर्ण हो जाता है।
लग्न स्थान शरीर का भी प्रतिनिधित्व करता है इसलिए व्यक्ति शारीरिक रूप से कमजोर और रोगों से घिरा रहता है।
दूसरे भाव में शनि-चंद्र की युति होने पर जातक जीवनभर धन के अभाव से जूझता रहता है।तीसरे भाव में बना विष योग व्यक्ति का पराक्रम कमजोर कर देता है और वह अपने भाई-बहनों से कष्ट पाता है।
चौथे भाव सुख स्थान में शनि-चंद्र की युति होने पर सुखों में कमी आती है और मातृ सुख नहीं मिल पाता है।
पांचवें भाव में यह दुर्योग होने पर संतान सुख नहीं मिलता और व्यक्ति की विवेकशीलता समाप्त होती है।
छठे भाव में विष योग बना हुआ है तो व्यक्ति के अनेक शत्रु होते हैं और जीवनभर कर्ज में डूबा रहता है।
सातवें स्थान में होने पर पति-पत्नी में तलाक होने की नौबत तक आ जाती है।
आठवें भाव में बना विष योग व्यक्ति को मृत्यु तुल्य कष्ट देता है। दुर्घटनाएं बहुत होती हैं।
नौवें भाव में विष योग व्यक्ति को भाग्यहीन बनाता है। ऐसा व्यक्ति नास्तिक होता है।
दसवें स्थान में शनि-चंद्र की युति होने पर व्यक्ति के पद-प्रतिष्ठा में कमी आती है। पिता से विवाद रहता है।
ग्यारहवें भाव में विष योग व्यक्ति के बार-बार एक्सीडेंट करवाता है। आय के साधन न्यूनतम होते हैं।
बारहवें भाव में यह योग है तो आय से अधिक खर्च होता है।
विष योग कब बनता है:-
शनि और चंद्रमा की जब युति होती है तब यह योग बनता है। कुंडली में विष योग शनि और चंद्रमा के कारण बनता है। चंद्रमा के लग्न स्थान में एवं चन्द्रमा पर शनि की 3,7 अथवा 10वें घर से दृष्टि होने की स्थिति में इस योग का निर्माण होता है।
क्या आती हैं समस्याएं
जन्मकुंडली में इस योग के कारण व्यक्ति का मन दुखी रहता है, परिजनों के निकट होने पर भी उसे अकेलापन महसूस होता है, जीवन में सच्चे प्रेम की कमी रहती है। माता प्यार चाहकर भी नहीं मिल पाता या अपनी ही कमी के कारण वह ले नहीं पाता है। जातक गहरी निराशा में डूबा रहता है। मन कुंठित रहता है। माता के सुख में कमी के कारण व्यक्ति उदास रहता है।
कुंडली में अगर विष योग बन रहा है तो उसे व्यक्ति को मृत्यु, डर, दुख, अपयश, रोग, गरीबी, आलस और कर्ज झेलना पड़ता है।
जानिए क्या आपकी कुंडली में भी है विष योग?
Reviewed by Upendra Agarwal
on
सितंबर 09, 2018
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