मकर लग्न में चंद्र द्वादश में हो तो लव मैरेज




सप्तमेश चंद्रमा मकर लग्न में होगा। सप्तम भाव पत्नी, सेक्स, दैनिक व्यवसाय  कारक भी माना जाता है। सप्तमेश नवम भाव में नवमेश बुध के साथ हो तो भाग्यशाली होगा। ऐसे जातक पन्ना अवश्य पहनें। चंद्र के साथ सूर्य हो तो भाग्योन्नति में थोड़ी बाधा का कारण बनता है। चंद्र के साथ मंगल हो तो पराक्रमी‍ जनता में प्रसिद्ध, आय अच्छी होती है। गुरु साथ हो तो धर्मनिष्ठ तो होता है लेकिन मिले-जुले परिणाम मिलते हैं। शुक्र साथ हो तो पराक्रम से लाभ मिले ऐसे जातक को हीरा 30 सेंट का अवश्य पहनना चाहिए।
शनि साथ हो तो भाग्य साथ देता है। प्रयत्न अधिक करना पड़ते हैं। राहु साथ होने पर गुप्त युक्तियों से सफलता मिलती है। ऐसा जातक चतुर चालाक होता है। केतु साथ हो तो भाग्य में अवरोध आते हैं। चंद्रमा दशम भाव में हो तो पत्नी या पति सर्विस में होगा। शुक्र साथ हो तो सुंदर होने के साथ-साथ सौंदर्य प्रसाधनों से, कला से संबंधित, मिष्ठान्न, सोना-चाँदी के कार्य से लाभ मिलें।
चंद्र सूर्य साथ हो तो व्यापार, नौकरी, राज्य से हानि होती है। चंद्र के साथ मंगल हो तो माता से, भूमि से, जनता के कार्य से लाभ पाता है लेकिन पिता से, अधिकारी से अनबन रह सकती है। बुध साथ हो तो साधारण लाभ रहता है। शनि साथ हो तो शासकीय, राजनीति में सफलता मिलती है। उच्च प्रशासनिक सर्विस में लोहे आदि के कार्य में सफल हो। पिता  उम्र अधिक हो। राहु चंद्र साथ हो तो व्यापार में, नौकरी में चिंता का कारण बने। ऐसे जातक हीरा पहने तो लाभ मिले। केतु साथ होने पर विशेष लाभ नहीं रहे। 
चंद्र सप्तमेश होकर एकादश में हो तो पत्नी या पति तुनकमिजाज वाला होगा। आर्थिक खर्च अधिक हो। मंगल साथ हो तो धन अच्छा हो। संतान से विद्या से लाभ हो। सूर्य साथ हो तो आय में कम‍ी हो शेयर बाजार में घाटा होता है। गुरु साथ हो तो आय में स्वप्रयत्नों से अच्छा लाभ मिलता है। भाई-मित्र से लाभ हो। बाहरी संबंध अच्छे हों। बुध साथ हो तो भाग्य से धन अच्छा मिलता है।
शुक्र साथ हो तो सेक्सी हो, स्त्रियों पर धन बरबाद हो। शनि साथ होने पर स्वप्रयत्नों से मिली-जुली आय होती है। राहु साथ हो तो अकस्मात खर्चे हों। केतु साथ हो तो अकस्मात धन लाभ मिले। चंद्रमा सप्तमेश होकर द्वादश में हो तो पत्नी बाहर से मिले या लव मैरेज भी हो सकती है।
चंद्र के साथ सूर्य हो तो बाहरी संबंध ठीक नहीं रहे। गुरु साथ सूर्य हो तो यात्रा अधिक हो। पत्नी धर्मनिष्ठ हो। बाहरी संबंध अच्छे हों। मान-प्रतिष्‍ठा अच्छी मिले। शुक्र साथ हो तो भोग- विलास की सामग्री मिले। शनि साथ हो तो विदेश गमन हो या जन्म स्थान से दूर हो। मंगल साथ हो तो विदेश में रहे, शत्रु न हो, पत्नी साहसी हो। लेकिन क्षति भी संभव है। राहु साथ हो तो पत्नी की वाणी ठीक न हो व चरित्र भी संदिग्ध हो। केतु साथ हो तो बाहर से अच्छा लाभ मिले। 
मकर लग्न में चंद्र द्वादश में हो तो लव मैरेज मकर लग्न में चंद्र द्वादश में हो तो लव मैरेज Reviewed by Upendra Agarwal on जून 28, 2011 Rating: 5

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