वैसे तो एक हजार प्रकार के यंत्र हैं, लेकिन श्रीयंत्र, कुबेर यंत्र, दुर्गा, गणेश, हनुमान, मृत्युंजय, नवग्रह, शनि, वशीकरण, लक्ष्मी प्राप्ति, वैभव लक्ष्मी, संतान गोपाल, गर्भ रक्षा, पति वशीकरण, स्त्री वशीकरण, गायत्री, भाग्योदय, कालसर्प, दुर्गा सप्तशती, सम्मोहन, मोहनी, चंडी, भूत-प्रेत बाधा, कमला, शत्रुविजय, पुत्री विवाह, ग्रह पीड़ा निवारण, सर्व कार्य सिद्ध, वाहन दुर्घटना, शीतला, वाद निवारण, आकस्मिक धम प्राप्ति, सर्व सिद्धि, वास्तु दोषनाशक, सर्वरोग निवारण, उच्चाटन, सर्वमनोकामना, बारह ज्योतिर्लिंग, संतान विवाह आदि यंत्रों का चलन अधिक है।
पारिवारिक संतोष के लिए वशीकरण यंत्रों का चलन अधिक है। जानकारों ने बताया कि वशीकरण के माध्यम से पति-पत्नी के बीच संबंध मधुर हो जाते हैं। बिगड़ते संबंधों को सँवारने के लिए वशीकरण कारगर साबित हो रहा है। इसमें वशीकरण, पति वशीकरण, पत्नी वशीकरण, सास-ससूर वशीकरण, मनवांछित पति प्राप्ति, सुयोग्य वर-वधु की प्राप्ति, संतान प्राप्ति, अकाल मृत्यु, पुरुष व स्त्री वशीकरण, सम्मोहन, मोहनी, उच्चाटन, का चलन अधिक है, लेकिन इन यंत्रों को कुशल मार्गदर्शक के निर्देशन में सिद्ध करना अनिवार्य है।
भविष्य की सुरक्षा के लिए इन दिनों यंत्रों का चलन बढ़ गया है। दुर्घटना से बचाव, व्यापार में वृद्धि, नौकरी में तरक्की, गृह शांति और सफलता के लिए ज्यादातर लोग यंत्रों का सहारा ले रहे हैं। विभिन्न प्रकार की धातुओं से बनने वाले इन यंत्रों की बिक्री बढ़ गई है। इसके अलावा ज्योतिषी के मार्गदर्शन में वशीकरण यंत्रों का उपयोग भी जारी है।
सबसे अधिक वाहन दुर्घटना यंत्र का उपयोग किया जा रहा है। बहुत से यंत्रों के लिए कुशल पंडित या जानकार का मार्गदर्शन अनिवार्य है। वे लोग निर्धारित तिथि व मुहूर्त के आधार पर यंत्र को सिद्ध करते हैं।
हर कीमत में उपलब्ध :- यंत्रों की कीमत 250 रुपए से शुरू होकर 16 हजार तक है। वैसे तो यंत्र धातु के अनुसार हैं, इसके बावजूद जो सामान्य चलन में 8 बाई 8 के आकार के यंत्र की कीमत 250 रुपए, 12 बाई 12 के यंत्र की कीमत 450 रुपए, 24 बाई 24 के आकार की यंत्रों की कीमत 2 500 रुपए और 48 बाई 48 के आकार में बने यंत्रों की कीमत 16 हजार रुपए है। 48 बाई 48 के एक यंत्र में संपूर्ण यंत्रों का उल्लेख होता है। इसे मल्टीपरपस कहा जा सकता है।
कर्म से बड़ी कोई शक्ति नहीं होती :- यह सही है कि लोग तंत्र-मंत्र में विश्वास करते हैं, लेकिन सच तो यह है कि कर्म से बड़ी शक्ति कुछ भी नहीं होती। इसलिए तंत्र-मंत्र के चक्कर में न पड़कर कर्म करते रहना चाहिए।
मंत्रों में बड़ी शक्ति होती है। अगर इसे तरीके से सिद्ध किया जाए तो यह फायदेमंद साबित होता है। लेकिन अक्सर अधूरे ज्ञान के साथ ज्योतिष और मंत्र विज्ञान का प्रयोग करते हैं, इसलिए लाभ नहीं मिलता।
तंत्र, मंत्र, यंत्र के पीछे भागते युवा
Reviewed by Upendra Agarwal
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नवंबर 24, 2010
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