यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया के रॉन रेसिक ने एक अध्ययन कर पाया कि छठी इंद्रिय के कारण ही हमें भविष्य में होने वाली घटनाओं का पूर्वाभास होता है। ऐसा माना जा रहा है कि अब लोगों की छठी इंद्रिय को और सक्रिय करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वाहनों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में कमी हो सके।
अल सुबह नींद से जागने के लिए अलार्म घड़ियाँ तो हर कोई इस्तेमाल करता है। लेकिन बहुत कम लोग इस बात को जानते होंगे कि प्रकृति ने हमारे शरीर के भीतर भी एक अलार्म घड़ी की व्यवस्था कर रखी है। हाल ही में हुए वैज्ञानिक शोध से इस बात का पता चला है कि जब कभी हमें तड़के कहीं जाना होता है तो जागने के समय का अलार्म हमारे मस्तिष्क में स्वतः भर जाता है।
हम भले ही सोते रहते हैं, लेकिन निर्धारित समय से 1 घंटे पूर्व हमारे रक्त में एक विशेष हार्मोन का स्राव होने लगता है और जब वह चरम सीमा पर पहुँच जाता है तो हमारी नींद खुल जाती है। वैज्ञानिक इसे हार्मोन घड़ी कहते हैं।
सिर्फ कल्पना नहीं छठी इंद्रिय
Reviewed by Upendra Agarwal
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मार्च 23, 2011
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