रुद्राक्ष भगवान शंकर का प्रिय आभूषण है। दीर्घायु प्रदान करने वाला तथा अकाल मृत्यु को समाप्त करने वाला है। यह जहाँ गृहस्थ व्यक्तियों के लिए अर्थ और काम को प्रदान करता है वहीं संन्यासियों के लिए धर्म और मोक्ष को देने वाला है। मनुष्य की अनेक शारीरिक और मानसिक व्याधियों को दूर करने वाला, मन को शांति प्रदान करने वाला तथा योगियों की कुंडलिनी जागृत करने में सहायक होता है।
रुद्राक्ष के धारक को भूत-प्रेत बाधा तथा किए-कराए का असर नहीं होता है। जो व्यक्ति रुद्राक्ष को धारण करता है वह स्वयं रुद्र के तुल्य हो जाता है। इसके दर्शन मात्र से ही पापों का क्षय हो जाता है।
जो मनुष्य भक्ति, मुक्ति, मोक्ष और भोग समान रूप से चाहता है उसके लिए रुद्राक्ष अत्यंत अनुकूल कहा गया है। जिस घर में रुद्राक्ष की पूजा की जाती है वहाँ सदा लक्ष्मीजी का वास रहता है। रुद्राक्ष का कार्यसिद्धी में चालीस दिन में प्रभाव दिखता है। वैसे तो 24 से 48 घंटे में ही इसका प्रभाव दिखने लगता है।
रुद्राक्ष के मुखों के अनुसार ही पुराणों में इनके महत्व और उपयोगिता का उल्लेख मिलता है। एक से चौदह मुखी तक प्रत्येक रुद्राक्ष का अपना अलग-अलग महत्व और उपयोगिता होती है।
एकमुखी रुद्राक्ष : साक्षात रुद्र स्वरूप है। इसे परब्रह्म माना जाता है। सत्य, चैतन्यस्वरूप परब्रह्म का प्रतीक है। साक्षात शिव स्वरूप ही है। इसे धारण करने से जीवन में किसी भी वस्तु का अभाव नहीं रहता। लक्ष्मी उसके घर में चिरस्थायी बनी रहती है। चित्त में प्रसन्नता, अनायास धनप्राप्ति, रोगमुक्ति तथा व्यक्तित्व में निखार और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
ऐसा व्यक्ति जीवन में मनोवांछित इच्छाएँ पूर्ण करने में सफल होता है। यह तीन प्रकार का होता है- गोल, यह अत्यंत दुर्लभ रुद्राक्ष है। आँवल, यह बड़ी कठिनाई से प्राप्त होता है। काजूदान अर्द्धचंद्राकार, यह सरलता से प्राप्त होता है।
द्विमुखी रुद्राक्ष : शास्त्रों में दोमुखी रुद्राक्ष को अर्द्धनारीश्वर का प्रतीक माना जाता है। शिवभक्तों को यह रुद्राक्ष धारण करना अनुकूल है। यह तामसी वृत्तियों के परिहार के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है। इसे धारण करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है। चित्त में एकाग्रता तथा जीवन में आध्यात्मिक उन्नति और पारिवारिक सौहार्द में वृद्धि होती है। व्यापार में सफलता प्राप्त होती है। स्त्रियों के लिए भी इसे सर्वाधिक उपयुक्त कहा गया है। (क्रमश:)
पूर्ण सफलतादायक है रुद्राक्ष- भाग 1
Reviewed by
Upendra Agarwal
on
फ़रवरी 10, 2011
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