परीक्षा में अच्छे नंबर कैसे पाएँ

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परीक्षा का समय नजदीक आते ही युवाओं के दिल की धड़कने बढ़ने लगती है। कितनी ही मेहनत की हो, नर्वस हो जाना आम बात है। कई किशोर तो परीक्षा हॉल में घुसते ही सब भूल जाते हैं। ऐसे में कुछ ज्योति‍षीय उपाय कारगर हो सकते हैं- पढ़ाई के साथ इन्हें भी अपनाएँ और देखें चमत्कार....
* परीक्षा का संबंध स्मरणशक्ति से है, जो बुध की देन है। बुध को मजबूत करने के लिए खूब सलाद और हरी सब्जियाँ खाएँ। गणेश जी के दर्शन करें। गाय को हरी घास खिलाएँ। कुंडली की स्थिति के अनुसार पन्ना पहनने से लाभ होता है। शंखपुष्पी का सेवन भी लाभ देता है।
* परीक्षा भवन में मानसिक संतुलन का कारक है चंद्रमा! चंद्रमा का मजबूत होना आत्मविश्वास बढ़ाता है। सफेद वस्तु का सेवन करने से, दान करने से, शिव के दर्शन व शिव चालीसा पढ़ने से, कनिष्ठा ऊँगली में चाँदी का छल्ला पहनने से तथा चाँदी के गिलास में पानी पीने से चंद्र मजबूत होता है। कुंडली में चंद्र की स्थितिनुसार मोती पहनने से लाभ होता है।

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कुछ अन्य उपाय :
* तुलसी के पत्तों को मिश्री के साथ पीसकर प्रतिदिन उसका रस पीने से स्मरणशक्ति बढ़ती है।
* इमली के पत्तों को पुष्य नक्षत्र के दिन अपनी पुस्तक में रखें।
* पुष्य नक्षत्र में 'योगेश्वर श्रीकृष्ण प्रसन्नो भव:' मंत्र को सुनहरी कैप वाले लाल रंग, लाल स्याही के पेन से 31 बार लिखें, 108 बार जाप करके अपने साथ ले जाएँ।
* परीक्षा भवन में जाने से पहले 'गुरु ग्रह गए पढ़न रघुराई। अल्पकाल विद्या सब आई।' चौपाई का 108 बार जाप करने से सफलता मिलती है।
* पढ़ाई में मन न लगने पर मंगलवार के‍ दिन मसूर की लाल दाल लाल कपड़े की थैली में डालकर पॉकेट में रखें, पढ़ने में रुचि जागेगी।
* 'ऊँ ह्रीं अर्हंणमो क्रुद्ध बुद्धिणं' या 'वद्‍ वद्‍ वागवादिनी नम:' मंत्र का 108 बार लगातार 14 दिन तक जाप करें तथा सरस्वती का ध्यान कर उन्हें लाल पुष्प व लाल वस्त्र चढ़ाएँ... सफलता निश्चित मिलती है। यह कार्य वसंत‍ पंचमी से प्रारंभ करें या किसी शुक्ल पक्ष के शुक्रवार से प्रारंभ करें।
* गुरु के सान्निध्य में बैठे, माता-पिता की सेवा करें, गाय को गुड़-चने की दाल खिलाएँ तथा इष्‍ट का ध्यान करें।
विशेष नोट : इन उपायों के साथ मेहनत करना भी जरूरी है।
परीक्षा में अच्छे नंबर कैसे पाएँ परीक्षा में अच्छे नंबर कैसे पाएँ Reviewed by Upendra Agarwal on मार्च 04, 2011 Rating: 5

1 टिप्पणी:

  1. “भूलना भूल जाओगे” एन एल श्रमण के 50 वर्षों के निरन्तर अध्ययन, अनुभव, शोध, संगति एव कल्पना का सार संग्रह है। यह स्मृति शास्त्र नहीं अपितु स्मृति शस्त्र है। निमोनिक्स ("NE-mon'-आईसीएस") स्पष्ट कृत्रिम उपादान की एक प्रणाली का उपयोग कर स्मृति की सहायता करने की कला है । नियमों, वाक्यांशों, चित्र, संक्षिप्त कूट और अन्य विधियों की सहायता से नाम, तिथि, तथ्य और आंकड़े. आदि को याद रखने में मदद करता है। निमोनिक्स लोगों को जानकारी प्राप्त करने के लिए एक त्वरित संदर्भ स्रोत या विशिष्ट विषयों के साथ मदद, और किसी के लिए सहायता का एक पुस्तकालय (शिक्षकों को विशेष रूप से) है।सामान्य में निमोनिक्स के बारे में जानकारी प्राप्त करने इस विषय इसके उपयोग और प्रयोजन विस्तृतीकरण के लिए एक विस्तृत विवरण शामिल करने का प्रयत्न है। इस पुस्तक की विषय वस्तु में 51 से अधिक विषयों को याद करने की तकनीक के साअथ-2 नागरिक शास्त्र, इतिहास, भूगोल, गणित, बीज गणित, रेखा गणित, ठोस ज्यामिति, ज्यामिति, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, हिन्दी अँग्रेज़ी भाषा व व्याकरण, खगोल विज्ञान, कृषि, वनस्पति शास्त्र, सामान्य ज्ञान, कम्प्यूटर विज्ञान, स्मृति शास्त्र, वेग गणित, इलेक्ट्रॉनिक्स्, मीट्रिक प्रणाली वाणिज्य, अर्थशास्त्र व देश विदेश की जानकारी आदि के साथ-2 अन्य बहुमूल्य जानकारियाँ चुटकियों में याद कर सकते हैं।
    Mnemonics Neatly Eliminate Man's 
    Only Nemesis - Insufficient Cerebral Storage“ 

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